हिमाचल प्रदेश के प्रमुख मंदिर : चारों ओर प्रकृति से घिरा हुआ हिमाचल पृथ्वी पर स्वर्ग के समान प्रतीत होता है। हिमाचल में मंदिरों की संख्या अधिक होने के कारण इसे देवभूमि या देवताओं की भूमि के नाम से जाना जाता है। हिमाचल प्रदेश चारों ओर प्रकृति से घिरा हुआ है। यहां पर कुछ विशेष मंदिर है जो भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं, आइए उन प्रमुख मंदिरों के बारे में जान लेते हैं। जो हिमाचल प्रदेश के जिलों में स्थित है।
हिमाचल प्रदेश के प्रमुख मंदिर
1 | शिमला के प्रमुख मंदिर |
संकट मोचन मंदिर : शिमला हिमाचल प्रदेश के आस्था केंद्रों में से एक है। जैसा कि मंदिर के नाम से ही पता चलता है, कि यह मंदिर श्री हनुमान जी को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण कार्य श्री बाबा नीम करौली के द्वारा करवाया गया था। इस मंदिर में गरीबों को भोजन कराया जाता है, और गरीब कन्याओं के विवाह में भी सहयोग प्रदान किया जाता है। यही नहीं मंदिर में एक आयुर्वेदिक हॉस्पिटल का भी निर्माण कराया गया है, जहां पर आए हुए श्रद्धालुओं के रोग और चिंताओं का निवारण किया जाता है।
2 | तारा देवी मंदिर |
लगभग 250 साल पुराना देवी का यह मंदिर शिमला के सभी मंदिरों में से प्राचीन मंदिर है। तारा देवी मंदिर की स्थापना श्री भूपेंद्र सेन ने करवाई थी। कहते हैं कि तारा देवी सैन्य वंश की कुलदेवी थी और ये बंगाल के पूर्वी राज्य से आई थी। सेन समाज के साथ-साथ यह मंदिर अनेक श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र है। देवी के इस मंदिर में शारदीय नवरात्र की अष्टमी में भक्तों की भारी संख्या देखने को मिलती है और यही नहीं यहां एक भव्य मेले का आयोजन भी किया जाता है जिसमें कुश्ती जैसे खेल का आयोजन होता है। तारा देवी का मंदिर शिमला शहर के शोगी से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
3 | जाखू मंदिर |
जाखू पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर शिवालिक पहाड़ी में हरी-भरी श्रृंखलाओं के बीच स्थित है। यह शिमला का सबसे ऊंचा स्थान है। इस मंदिर का उल्लेख कई पुरानी पौराणिक कथाओं में मिलता है।
यह भव्य मंदिर आने जाने वाले श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है, इस मंदिर को भगवान श्री हनुमान जी के लिए समर्पित किया गया है, जो एक बहुत बड़ी आस्था का केंद्र बना हुआ है।
4 | मनाली के प्रसिद्ध मंदिर |
मां शार्वरी मंदिर : – मनाली से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर ब्यास नदी के किनारे मां शार्वरी का मंदिर मनाली के प्रमुख मंदिरों में से एक है, जो अपने अद्भुत दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। इस देवी को मां दुर्गा का ही एक स्वरूप माना गया है। यह देवी कुल्लू के शासकों की कुलदेवी मानी जाती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में दशहरे के त्यौहार को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, और इसी समय देवी को कुल्लू में स्थित श्री रघुनाथ जी के मंदिर में उनसे मिलने के लिए लाया जाता है। इस यात्रा में देवी के भक्तों की भीड़ बड़ी संख्या में देखने को मिलती है। पर्वतों के बीच स्थित यह मंदिर सर्दियों के मौसम में, जिस वक्त बर्फ से गिरा हुआ होता है , भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करने का काम करता है।
5 | वशिष्ठ मंदिर |
4000 वर्षों से भी अधिक पुराना यह मंदिर मनाली के अन्य मंदिरों में से एक है। मंदिर के पास ही एक गर्म पानी की झील स्थित है। कहते हैं कि यह झील कई बीमारियों का इलाज करने की क्षमता रखती है। वशिष्ठ मंदिर मनाली से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, मंदिर के अंदर ऋषि की प्रतिमा काले रंग के पत्थर से बनी हुई है। मंदिर के पास ही एक और मंदिर है, जिसमें राम लक्ष्मण और मां सीता की मूर्ति विराजमान है।
6 | हमीरपुर का प्रसिद्ध मंदिर |
नर्वदेश्वर मंदिर : इस मंदिर का निर्माण 1802 में राजा संसार चंद की पत्नी महारानी प्रसन्न देवी ने करवाया था। मंदिर में भगवान शिव और पार्वती देवी की मूर्तियां स्थापित हैं। यह मंदिर हमीरपुर के टीरा सुजानपुर में नामक स्थान में स्थित है।